हाल ही में एक आदमी की जिंदगी तब तबाह हो गई जब उसे पता चला कि उसकी पत्नी, जिससे उसकी शादी को 6 साल हो गए थे, वह उसकी असली बहन है।
हां, आपने सही सुना। द मिरर(इंग्लैंड समाचार वेबसाइट) में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, उसे यह बात तब पता चली जब वह अपनी एक किडनी दान कर अपनी पत्नी की जान बचाने की कोशिश कर रहा था । कथित तौर पर, जब उसकी पत्नी अपने बेटे के जन्म देने के बाद बीमार हो गईं तो उसे नई किडनी की आवश्यकता पड़ी। उसने उसके रिश्तेदारों की जांच की और पाया कि उनमें से कोई भी दाता बनने के योग्य नहीं है। और कोई अन्य विकल्प नहीं बचे होने पर, उसने खुद का परीक्षण कराने का फैसला किया कि क्या वह दाता बनने के लायक हैं या नहीं। वह अपने असली परिवार से अनजान था| क्युकी बचपन में उसके पैदा होने के 2 मिनट बाद ही उसे गोद लिया गया था। गोद लेने की प्रक्रिया में, असली माता-पिता का अपनाया परिवार के साथ कोई सीधा संपर्क नहीं होता है।
उसने द मिरर को बताया, “मुझे पता था कि यह एक लंबा प्रयास होगा इसलिए मैंने यह देखने के लिए परीक्षण कराने का फैसला किया कि क्या मैं दान कर सकता हूं। मुझे दूसरे दिन फोन आया कि मैं एक मैच हूं। तब डॉक्टर ने HLA (human leukocyte antigen) tissue परीक्षण परिणामों से कुछ जानकारी के कारण| कुछ और टेस्ट करने को कहा । मैं इसके बारे में जयादा नहीं सोचा और मान गया ।” उस शख्स के लिए सबसे चौंकाने वाला पल तब था जब उसने human leukocyte antigen Tissue टेस्ट के नतीजे देखे। परिणामों के अनुसार उसका और उसकी पत्नी का “असामान्य रूप से उच्च मैच प्रतिशत” था। उस व्यक्ति ने आगे कहा कि वह हैरान और भ्रमित था। उन्होंने बताया कि HLA परिणामों में एक बच्चे के माता-पिता का कम से कम 50 प्रतिशत मेल हो सकता है और भाई-बहन का 0-100 प्रतिशत मैच हो सकता है। उसके अनुसार, ऐसा उस प्रक्रिया के कारण होता है जिसके द्वारा डीएनए की जानकारी पीढ़ियों तक प्रसारित की जाती है। तब उसे पता चला कि HLA परिणामों के अनुसार वह और उसकी पत्नी Second Case (Siblings) मतलब वह भाई-बहन हैं। इस शख्स ने ये कहानी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर भी शेयर की है. यूजर्स ने उन्हें सलाह दी कि वे इसे लेकर तनाव में न रहें क्योंकि उनके बच्चे स्वस्थ हैं और उनमें कोई असामान्यता नहीं है।
+ There are no comments
Add yours